उत्तरकाशी जनपद को यदि क्षेत्रफल की दृष्टि से देखें तो, जनपद का एक छोर चीन की सीमा से लगा है, दूसरा छोर पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से लगा है, तीसरा छोर देहरादून जिले से लगा है और चौथा छोर पड़ोसी जनपद टिहरी से लगा हुआ है।
जिस कारण कार्यों की व्यस्तता की वजह से जिलाधिकारी उत्तरकाशी का भी रवांई घाटी में भ्रमण महीनों में कभी-कबार हो पाता है। जिस वजह से रवांई घाटी व आराकोट, बंगांण क्षेत्र में विकास को गति नहीं मिल पा रही है। जिसके वजह से क्षेत्र में बड़े भ्रष्टाचार के मुद्दे भी आये दिन देखने को मिल रहे हैं। विगत वर्षों से अनेकों बार रवांई के लोगों ने जिले की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल आदि कर चुके हैं लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।
जिसके चलते आज पृथक यमुनोत्री जनपद की मांग को यमुनोत्री जिला बनाओ संघर्ष समिति ने तहसीलदार बड़कोट के द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें यमुनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत और डीडीहाट को अतिशीघ्र जिला बनाने की चेतावनी दी गई।
ज्ञापन देने वालों में अव्वल चद कुमायी, भरत सिंह चौहान, महाबीर पंवार माही, गणपति नौटियाल, महिपाल असवाल, हरदेव रावत,अमित असवाल, मनोज चौहान, रोहन चौहान, भरत रावत, भगवती बिजलवान, चैन सिंह रावत, प्रताप तोमर, संतोष चौहान, किताब रावत, जयेंद्र सिंह राणा, अमित रावत, सरजीत लाल आदि क्षेत्र के दर्जनों लोग शामिल रहे।
इस अवसर पर संगठन के सक्रिय सदस्य महाबीर पंवार माही ने धामी सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि धामी सरकार को अपने बीजेपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 4 जिलों की घोषणा की थी, लेकिन आज तक भी इन्हे धरातल पर नहीं उतारा गया।
यदि धामी सरकार जिलों के निर्माण में तत्काल कोई कार्यवाही नहीं करती है तो क्षेत्र के युवाओं को एकजुट होकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन और आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।भाजपा सरकार अपनी की घोषणाओं पर जल्द विचार करे और जिलों का निर्माण करने का कार्य करें।