
मुलूकपति राजा रघुनाथ के मलाडी देवबन पहुंचने पर श्रद्धालुओं द्वारा रघुनाथ जी से आशीर्वाद वचन किया गया कि अभी जनता को बारिश चाहिए जिस पर रघुनाथ जी के माली ने आशीर्वाद देकर समस्त क्षेत्र की जनता के लिए बारिश के द्वार खोले और कुछ ही देर बाद मलाडी देवबन में ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र में बारिश हुयी और यह रघुनाथ जी के अनुयायियों की सबसे बड़ी आस्था है।
रघुनाथ जी के अनुयायि 45 गांवों के लोग मलाड़ी देवबन पहुंचे और रात्रि विश्राम किया। जिसमें ग्राम पंचायत गोल के द्वारा यहां पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया और “मुलूकपति राजा रघुनाथ” के सभी अनुयायि आनंदित होकर ढोल-बाजों पर रासो-तांदी नृत्य कर आनंदित हो रखे थे।
बहुत लम्बे समय बाद “मुलूकपति राजा रघुनाथ” जी के आशीर्वाद से पूरे क्षेत्र वासियों के लिए बारिश के द्वार खुले, यह सबसे बड़ी आस्था और विश्वास है जैसे ही बारिश हुई तो राजा रघुनाथ के भक्त झूम उठे।
यह दृश्य देख राजा रघुनाथ जी के अनुयायियों का विश्वास और अटूट हो गया और लोगों की आस्था कायम रह गयी।