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विकास पुरुष स्व. बर्फिया लाल जुवांठा की पुण्य-तिथि पर सभी राजनीतिक दलों ने श्रद्धा-सुमन अर्पित कर उन्हे याद किया।

उत्तरकाशी जनपद के रवांई/पुरोला से उत्तर-प्रदेश सरकार के समय मंत्री रहे, स्व.बर्फिया लाल जुवांठा की 22 वीं पुण्यतिथि पर आज उनके स्मारक स्थल पर सभी स्थानीय राजनैतिक व सामाजिक संगठनों ने श्रद्धा-सुमन अर्पित कर, उन्हे और उनके द्वारा किये गये विकास कार्यों को याद किया।

कार्यक्रम में विधायक दुर्गेश्वर लाल ने स्व.बर्फिया लाल जुवांठा को श्रद्धा-सुमन अर्पित कर, उनके अधूरे कार्यों को पुरा करने कि बात कही।

इस अवसर पर पूर्व विधायक राजेश जुवांठा, नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी, व्यापार मंडल अध्यक्ष बृजमोहन चौहान, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश चौहान, अमीचंद शाह, जिला महामंत्री पवन नौटियाल, रोजी सिंह सौंदाण, बलदेव रावत, राजपाल पंवार, बिहारी लाल, बद्री प्रसाद नौडियाल, कृपाल राणा, जयवीर हिमानी, नीरज राणा, लकिन्द्र कंडियाल आदि मौजूद थे।

स्वर्गीय जुवांठा की जीवनी का सूक्ष्म परिचय:-
स्वर्गीय जुवांठा एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ ही एक बेहद मृदुभाषी व मिलन सार ब्यक्ति थे। उनका जन्म जनवरी 1943 को तत्कालीन टिहरी रियासत की राजगढ़ी तहसील के कुमोला गांव में एक निर्धन परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम गुलामू था। परिवार में सबसे छोटे जुवांठा सबके चहेते थे।इनकी पढ़ाई का जिम्मा बड़े भाई कमल दास ने उठाया। इनकी प्राथमिक, जूनियर शिक्षा कुमोला, पुरोला, व दसवीं उत्तरकाशी से करने के बाद इन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए प्रताप नगर इण्टर कॉलेज टिहरी में दाखिला लिया। लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के कारण पढ़ाई छोड़ घर आ गए। स्वास्थ्य ठीक होने के बाद स्वर्गीय जुवांठा ने जिव्या, दसगी में अध्यापन कार्य शुरू किया बाद में प्राथमिक विद्यालय जखोल में सेवा दी। जूनियर हाईस्कूल आराकोट में अध्यापन कार्य करने के साथ ही इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा भी उतीर्ण की। जिसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए इलाहाबाद चले गए जहां से उन्होंने भूगोल विषय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। जुवांठा पहली बार 1968 मे कांग्रेस से जुड़े।

1970 में पहली बार विधायक चुने गए। जबकि 1989 में विधायक बनने के बाद तत्कालीन उत्तरप्रदेश सरकार में जुवांठा को पर्वतीय विकास मंत्री बनाकर पहाड़ो के विकास की जिम्मेदारी सौंपी।

अपनी ईमानदार छवि व कर्तव्यनिष्ठ कार्यप्रणाली के चलते जुवांठा ने अपने 14 माह के अल्पकाल में केवल उत्तरकाशी जिले में ही 39 मोटरमार्ग, 5 मोटरपुल, 29 हाईस्कूल, 19 इण्टर कॉलेज व तीन महाविद्यालय स्थापित किये। इसके अलावा पहाड़ के सभी जिलों में सड़क, अस्पताल, स्कूल ,पेयजल जैसे मूलभूत सुविधाओं के विकास को गति दी ।

 

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