
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नई टिहरी में 17 से 28 फरवरी तक संचालित बारह दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम का विधिवत समापन हुआ। इस अवसर पर देवभूमि उद्यमिता योजना के उत्कृष्ट संस्थान (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) का जिलाधिकारी टिहरी, अधिशासी निदेशक टी एच डी सी, एस पी टिहरी, डी पी ओ टिहरी और महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा रिबन काट कर उद्घाटन किया गया।
समापन समारोह में आईआईएम काशीपुर के इनक्यूबेशन सेंटर द्वारा पांच लाख की सहायता राशि प्राप्त करने वाली छात्रा ज़ैनब को सम्मानित किया गया। ज़ैनब की इस उपलब्धि पर जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित, टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक एल.पी. जोशी, एस पी. जे.आर. जोशी, डीटीओ सत्येंद्र राज और महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. पुष्पा नेगी ने उन्हें प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया गया।
सभी अतिथियों ने कॉलेज के उद्यमिता केंद्र की अब तक की उपलब्धियों पर हर्ष व्यक्त किया और भविष्य में हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्हें महाविद्यालय की उद्यमी छात्राओं द्वारा निर्मित ऐंपण पेंटिंग की नाम पट्टी भेंट की गई।
जिलाधिकारी द्वारा छात्रों के स्टाल को विजिट किया गया और छात्रों को उद्यम के लिए सुझाव भी साझा किए गए। टी एच डी सी के अधिशासी निदेशक जोशी जी द्वारा उद्यमिता केंद्र के वेस्ट से वेल्थ के कॉन्सेप्ट पर निर्मित बिभिन्न उत्पादों की प्रशंसा की गयी, और अपने संस्थान से भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया गया।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. पुष्पा नेगी द्वारा सभी प्रतिभागियों के प्रयासों को सराहा गया और महाविद्यालय स्तर पर अधिक से अधिक सुबिधा प्रदान करने का आश्वासन दिया गया।
बारह दिवसीय कार्यक्रम का सफल संचालन देवभूमि उद्यमिता योजना की मेंटर डॉ. हेमलता नौटियाल द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान प्रतिभागियों ने अपने व्यावसायिक विचारों को साझा किया, उद्यम पंजीकरण की प्रक्रिया सीखी और स्थानीय लघु उद्योग इकाइयों का भ्रमण किया।
कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों ने हर्बल साबुन, शैम्पू, ऐंपण कला, वेस्ट से वेल्थ उत्पाद आदि का निर्माण किया। छात्रों ने अपने उत्पादों को स्टॉल लगाकर प्रदर्शित किया, जिसे अतिथियों और महाविद्यालय परिवार द्वारा सराहा गया।
महाविद्यालय की मेंटर डॉ. हेमलता नौटियाल ने बताया कि अब तक दो पेटेंट फाइल किए जा चुके हैं, और कुछ नए विचारों पर कार्य जारी है। ज़ैनब द्वारा विकसित नवाचार को व्यवसायिक स्तर पर पहुंचाने के लिए पेटेंट भी फाइल किया गया है।
इस कार्यक्रम में छात्रों द्वारा तैयार किए गए भोज्य पदार्थों को स्टॉल के माध्यम से परोसा गया। योजना के डॉ. नूर हसन, डॉ. सत्येंद्र ढोंडियाल और महाविद्यालय के सभी शिक्षक एवं कर्मचारी इस आयोजन का हिस्सा बने।
डॉ. अंकिता बोरा, डॉ. पुष्पा पंवार, डॉ ममता रावत, डॉ आरती खंडूरी, डॉ निशांत भट्ट, डॉ सुभम उनियाल, डॉ तृप्ति, प्रवीण, सुमन, संतोष आदि ने भी इस कार्यक्रम में विशेष सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. हेमलता नौटियाल ने किया और अंत में सभी अतिथियों का आभार प्रकट कर इस सफल कार्यक्रम का समापन किया गया।
एक प्रेरणा दायी सकारात्मक संदेश देती हुई यह संगोष्ठी-
प्रेरणादायक और सकारात्मक संदेश वाहिनी संगोष्ठी !