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“आस्था”: गांव की बेटियों/ध्यांटूडियों द्वारा आस्था के क्षेत्र में बड़े स्तर पर आयोजित हो रहे हैं कार्यक्रम।

बड़कोट, डख्यटगांव में 06 जून को शिव महापुराण की कथा का होगा समापन।

उत्तरकाशी जनपद के रवांई/यमुना घाटी में इन दिनों अलग-अलग गांवों में गांव की बेटियों/ध्यांटूडियों द्वारा आस्था के क्षेत्र में बड़े स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।
डख्याटगांव
डख्याटगांव
राना गांव
राना गांव (यमुनोत्री)
डंडाल गांव
डंडाल गांव

जिनमें से अभी हाल ही में बड़कोट क्षेत्र की ठकराल पट्टी के डख्याटगांव में गांव की बेटियों/ध्याणीयों द्वारा यमुना तट पर तटेश्वर महादेव की जन्मस्थली तटाऊ में शिव महापुराण कथा का भव्य आयोजन क्षेत्रीय ईष्ट कैलु-तटेश्वर महादेव, माँ चंद्रबदनी (डख्याटगांव), मुलुक पति राजा रघुनाथ (बनाल) , कैला मांसीर महाराज (कुथनौर), यमदग्नि ऋषि महाराज (थान), रुद्रेश्वर महादेव (मुंगरसंती पट्टी) के सानिध्य में चल रहा है।

जहां “व्यास पीठ” पर “बाल व्यास” आयुष कृष्ण नयन महाराज की मधुर वाणी से शिव महापुराण कथा का उद्बोध किया जा रहा है।

कार्यक्रम में मुख्य योगदान गांव की बेटियों/ध्यांटूडियों व डख्याटगांव के ग्रामीणों का है।

तो वहीं दुसरी ओर डंडाल गांव की बेटियों/ध्यांटूडियों द्वारा भी विगत कुछ दिनो पहले “क्षेत्रीय ईष्ट देवी” माँ भद्रकाली के लिए उपहार स्वरूप चांदी की माला व “कुल देवता” बाबा भैरवनाथ के लिए उपहार स्वरूप चांदी की खूंकरी भेंट की गयी।

इस शुभ अवसर पर ग्रामीणों द्वारा श्रीमद्भागवत महापुराण का आयोजन ईष्ट देवी माँ भद्रकाली व कुल देवता बाबा भैरवनाथ के सानिध्य में किया गया।

उक्त कार्यक्रम में “व्यास पीठ” पर आज तक सैकड़ों कथा कर चुके “व्यास” शिव प्रसाद नौटियाल विराजमान थे।

इस सात दिवसीय कार्यक्रम में मुख्य भूमिका समस्त गांव के ग्रामीणों व बेटियों/ध्यान्तुड़ियों व दामादों की रही।

तो वहीं बड़कोट क्षेत्र की गीठ पट्टी के राना गांव की बेटियों/ध्यांटूडियो द्वारा गांव के मुख्य मेले के दिन एक कार्यक्रम का दिव्य व भव्य आयोजन किया गया।

जिसमें क्षेत्रीय ईष्ट देव सोमेश्वर महाराज को सोने के चार छत्र, नारायण देवता को चांदी का मुकूट, कैंसर देवता को चांदी का छत्र व बीर देवता को चांदी का छत्र उपहार स्वरुप भेंट किया गया।

कार्य्रक्रम में आकर्षण का केंद्र लोक गायिका रेश्मा शाह रही, जिनके गानों पर लोग तांदी नृत्य पर झूमते दिखे।

यह सभी कार्यक्रम क्षेत्रवासियों व क्षेत्र की बहन बेटियों की खुशहाली व सुख-शांति के लिए अपने क्षेत्रीय ईष्ट के प्रति अपनी श्रद्धा को दर्शा रहे हैं।

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