पुरोला विधानसभा – मोरी ब्लॉक मुख्यालय से मात्र 3-4 किमी दूर, फिर भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्राम सल्ला
उत्तराखंड के पुरोला विधानसभा के मोरी विकासखंड में स्थित ग्राम पंचायत सरास का ग्राम सल्ला, जो मोरी ब्लॉक मुख्यालय से मात्र 3-4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, आज भी बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर है। गांव तक कोई मोटर मार्ग नहीं पहुंच पाया है, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
न सड़क, न पुल – सिर्फ जानलेवा तार के सहारे सफर करने को मजबूर ग्रामीण
ग्रामवासियों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि गांव तक जाने के लिए कोई झूला पुल या पैदल पुल तक नहीं बना है। लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा गांव तक पहुंचने के लिए केवल एक तार (ट्रॉली) लगाई गई है, जिससे ग्रामीणों को आने-जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
यह व्यवस्था न केवल असुविधाजनक है, बल्कि अत्यंत खतरनाक और जानलेवा भी है।
गांव के कई लोगों को इस तार के सहारे सफर करते समय गंभीर चोटें आई हैं, और पूर्व में कई दर्दनाक हादसे भी हो चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासन ने अब तक इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला है, जिससे ग्रामवासी हमेशा अपनी जान जोखिम में डालकर इस खतरनाक यात्रा करने को मजबूर हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा पर पड़ रहा गहरा प्रभाव
गांव में सड़क और पुल की सुविधा न होने का सीधा असर स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा पर भी पड़ रहा है।
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बीमार और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाना चुनौती बन जाता है, क्योंकि सड़क और पुल के अभाव में उन्हें खतरनाक रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है।
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बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है, क्योंकि स्कूल जाने के लिए उन्हें जोखिम भरे रास्ते पार करने पड़ते हैं।
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आपातकालीन स्थितियों में एम्बुलेंस या अन्य चिकित्सा सुविधा समय पर नहीं पहुंच पाती है, जिससे कई बार लोगों की जान तक चली जाती है।
ग्रामवासियों की पीड़ा सुनने पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन सिंह चौहान
आज 03 मार्च 2025 को समाजिक कार्यकर्ता मनमोहन सिंह चौहान ने ग्राम सल्ला का दौरा किया और ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना।
उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले को जल्द ही विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के समक्ष रखा जाएगा, ताकि जल्द से जल्द समाधान निकाला जा सके।
ग्रामवासियों की मांग और सरकार से अपील
ग्राम सल्ला के निवासियों ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- गांव को शीघ्र मोटर मार्ग से जोड़ा जाए, ताकि ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा मिल सके।
- कम से कम एक झूला पुल या पैदल पुल का निर्माण जल्द किया जाए, ताकि लोग सुरक्षित रूप से गांव तक आ-जा सकें।
- गांव के विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाए, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार को बढ़ावा मिले।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं किया गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
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- मनमोहन सिंह चौहान सामाजिक कार्यकर्ता
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- उत्तराखंड गांव में सड़क की समस्या
अब यह देखना होगा कि क्या सरकार और प्रशासन इस गंभीर समस्या पर ध्यान देकर जल्द समाधान निकालते हैं, या फिर ग्रामीणों को अपने हक के लिए आंदोलन करना पड़ेगा।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं किया गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
निष्कर्ष: ग्राम साल्ला के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं, जिससे उनका जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ है। यह समस्या केवल एक गांव की नहीं, बल्कि उत्तराखंड के कई दूरस्थ गांवों की है, जहां सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है।
अब यह देखना होगा कि क्या सरकार और प्रशासन इस गंभीर समस्या पर ध्यान देकर जल्द समाधान निकालते हैं, या फिर ग्रामीणों को अपने हक के लिए आंदोलन करना पड़ेगा?