अव्यवस्थापेयजल संकट
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बड़कोट नगरवासी पेयजल के लिए भटकने को मजबूर, जल संस्थान रो रहा बोरिंग अनुमति का रोना।

उत्तरकाशी जनपद की यमुनोत्री विधानसभा के नगर पालिका बड़कोट में पेयजल समस्या जस की तस। जल संस्थान अभी तक बोरिंग की अनुमति के भूल-भुलैया में गोते खा रहा है, और नगर पालिका के लोग पानी की किल्लतों के चलते पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

जबकि विगत बीते सोमवार को उत्तरकाशी “जिला पंचायत अध्यक्ष” दीपक बिजल्वाण ने “जल संस्थान” को जिला पंचायत यात्रा कोष से 20 लाख रूपये की धनराशि जारी कर दी थी। जिस पर जल संस्थान के अधिशासी अभियन्ता ने एक सप्ताह के भीतर नगर पालिका वासियों की पेयजल समस्या को दुर करने की बात कही थी।

लेकिन दुर्भाग्य की वह एक सप्ताह भी बीत चुका है और जल संस्थान द्वारा अब बोरिंग के लिए अनुमति का रोना रोया जा रहा है।

इस पेयजल संकट से सबसे ज्यादा छोटे-छोटे स्कूली बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उन्हे समय पर खाना, स्कूल के लिए तैयार करना या उनकी पढ़ाई के लिए उन्हे समय उपलब्ध करवाना घरवालों के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती हो गयी है। जिन्हे सुबह उठते पढ़ाई के लिए बोलना था अब उन्हे पानी की लाइनों में लगाना परिजनों की मजबूरी बन गया है।

नगर के वार्ड नंबर 01 के लोगों का कहना है की यह पेयजल संकट एक तरिके से हर घर में गृहयुद्ध जैसी स्थिति पैदा कर रहा है। विगत कुछ सप्ताह से घर-घर पर पानी लाना एक बड़ी परेशानी बन गया है। जिस वजह से कपड़े, बर्तन, नहाना-धोना, साफ-सफाई आदि घर के काम बड़ी समस्या बन चुका है। लेकिन जनता की समस्या खत्म होते नहीं दिख रही है।

जब पेयजल समस्या एक सप्ताह में दूर करने की बात कहने वाले जल संस्थान के अधिशासी अभियन्ता से “न्यूज़ पहाड़ सन्देश” टीम द्वारा इस बारे में पूछने का प्रयास कीया जाता है तो वह बताते हैं की आचार संहिता के चलते बोरिंग की अनुमति ना मिलने की बात कहते हैं। जिससे यह प्रतीत हो रहा है की नगर वासियों की समस्या अभी नहीं दूर हो पाएगी।

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