उत्तरकाशी जनपद के पुरोला ब्लॉक के हुडोली ग्राम प्रधान पर विगत दो से ढाई वर्ष पूर्व हुडोली गांव निवासी शशिभूषण जगूडी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसकी जांच के लिए शिकायतकर्ता द्वारा जिलाधिकारी से जांच की मांग की गयी थी। जिलाधिकारी महोदय जांच हेतु जांच टीम गठित करने के आदेश देते हैं।
शिकायतकर्ता द्वारा बताया जाता है की जांच टीम, जांच कर अपनी रिपोर्ट सम्बन्धित विभाग को देती है। जिसमेें शिकायतकर्ता द्वारा सूचना के अधिकार के माध्यम से जांच रिपोर्ट लेता है। जिसमें ग्राम प्रधान द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की पुष्टि होती है।
लेकिन अभी तक उक्त प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं होती है। बल्कि इसके ठीक एक साल बाद ग्राम प्रधान की तीसरी संतान भी पैदा होती है।
जिस पर शिकायतकर्ता शशिभूषण जगूडी पुनः जिला अधिकारी को शिकायत करता है। जिसमें जिलाधिकारी महोदय जिला पंचायत राज अधिकारी को जांच के आदेश देते हैं लेकिन एक वर्ष से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी आतिथि तक कोई कार्यवाही नहीं होती है। जबकी पूरे घटनाक्रम में उसके कुुछ महीनों बाद जिला अधिकारी महोदय के आदेश के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा जनपद में उप-चुनाव भी सम्पन्न हो जाते हैं।
शिकायतकर्ता शशिभूषण का कहना है कि डीपीआरओ सी.पी. सुयाल द्वारा मुझे गुमराह किया जा रहा है। जबकी तीन संतान के प्रकरण में इनके द्वारा पूर्व में समाचार पत्र पर भी प्रकाशित किया गया था।
लेकिन हुडोली गांव के ग्राम प्रधान पर ना तो पूर्व में हुए भ्रष्टाचार के आधार पर कोई कार्यवाही होती है और ना ही तीन संतान होने पर उन्हे पद मुक्त किया जाता है।
इस पूरे घटनाक्रम पर शिकायतकर्ता का कहना है की सभी बातों की पुष्टि होने के बावजूद कार्यवाही ना होना और ग्राम प्रधान को पदमुक्त ना करना, अपने आप में उच्च-अधिकारियों का घटनाक्रम में संलिप्त होने की और इशारा कर रहा है।
जब पूरे घटनाक्रम की जानकारी के लिए हमारे द्वारा जिलाधिकारी महोदय से जानने की कोशिश की जाती है, तो उनके द्वारा मुख्य विकास अधिकारी से घटनाक्रम के संबंध में जानकारी लेने को कहा जाता है।
लेकिन जब हम मुख्य विकास अधिकारी से बात करने की कोशिश करते हैं तो पहले उनके द्वारा कोई जबाब नहीं मिलता है। उसके बाद जब हमारे द्वारा उन्हे व्हाट्सएप मैसेज किया जाता है तो उनका फोन आता है और हमारे द्वारा उक्त घटनाक्रम के बारे में हमारे द्वारा जानकारी लेने की कोशिश की जाती है।
लेकिन उनके द्वारा भी बात को अपने अधीनस्त अधिकारी के ऊपर यह बोल कर टाल दीया जाता है की डी.पी.आर.ओ. साहब बिगत डेढ़ माह से छुट्टी पर हैं और नये डी.पी.आर.ओ. को आदेशित किया गया है की उनके द्वारा पत्रावली प्रेषित की जाये, लेकिन उनके द्वारा आदेशों का पालन नहीं हो रहा है।