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दून विश्वविद्यालय देहरादून में 11 से 12 फरवरी तक आयोजित मेगा स्टार्टअप समिट का उद्घाटन मुख्यमंत्री के द्वारा वर्चुअल माध्यम से किया गया। इस आयोजन को देवभूमि उद्यमिता योजना और भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद के सहयोग से आयोजित किया गया।
इस समिट में महाविद्यालय की छात्राओं—मनीषा नौटियाल, काजल चौहान, शिवानी नेगी और अंजली रावत को उनके नवाचार और उद्यमिता के लिए ₹75,000 का सीड फंड प्रदान किया गया। इन छात्राओं ने चूलू (वाइल्ड एप्रिकॉट) से विभिन्न उत्पादों का निर्माण किया, जिसे विशेषज्ञों और आगंतुकों ने खूब सराहा।
इसके अलावा, महाविद्यालय के अभिषेक आर्य, आंचल, शिवानी नौटियाल, अनामिका, संतोषी, रुचिता, आरती, कल्पना और करीना ने भी अपने स्टार्टअप उत्पादों के साथ इस इवेंट में भाग लिया। मेगा एग्जीबिशन में प्रदर्शित चूलू का तेल, मिठाई, अचार, पहाड़ी बड़ी, क्रिस्पी व्हीट, लाल चावल, क्रंची सोया और पापड़ आदि उत्पादों को विशेष सराहना मिली।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. के. तिवारी और देवभूमि उद्यमिता योजना के नोडल अधिकारी डॉ. विनय नौटियाल भी उपस्थित रहे। इस दौरान विभिन्न विशेषज्ञों ने उत्तराखंड में उद्यमिता की संभावनाओं और सरकार द्वारा दी जा रही सहायता के बारे में जानकारी दी।
भारत सरकार के ऑफिस ऑफ प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर की कविता तिवारी ने रूरल टेक्नोलॉजी एक्शन ग्रुप (RuTAG) सहित कई योजनाओं की विस्तृत जानकारी साझा की। साथ ही, उत्तराखंड सेतु आयोग के विशेषज्ञों ने राज्य में नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
इस मेगा इवेंट में आईआईटी मद्रास, आईआईएससी बैंगलोर, आईआईएम काशीपुर, आईआईटी रुड़की और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों ने उत्तराखंड सरकार के साथ एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य राज्य में उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देना है।
राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों ने भी इस एग्जीबिशन में अपने-अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया, जिससे उत्तराखंड में स्टार्टअप और स्थानीय उत्पादों को नई पहचान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।