एक तरफ जहां राज्य सरकार जीरो टॉरलेंस की बात करती है वहीं दूसरी तरफ विभागीय कर्मचारी व ठेकेदारों की मिली-भगत से सरकारी धन की बंदरबाट करने में लगे हैं। जिसकी बानकी नौगांव विकासखंड के ग्राम पंचायत भंकोली में “जल जीवन मीशन” में मृतकों के नाम से पेयजल कनेक्शनों के आवंटन के साथ ही अनेकों प्रकार से भारी अनियमितताएं कर विभागीय अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों को गलत तरिके से भुगतान किया गया।
जिसमें गांव के ग्रामीण श्याम सिंह राणा ने उक्त प्रकरण में अनियमितताओं की शिकायत को लेकर जांच की मांग की।
जिसमें 24 फरवरी 2024 की जांच रिपोर्ट के आधार पर उक्त प्रकरण में की गयी जाँच के दौरान कार्यों में भारी अनियमितताओं की पुष्टि हुयी है।
जिसके बाद जिलाधिकारी कार्यालय उत्तरकाशी के द्वारा 05 जून 2024 को एक नोटिस पेयजल निगम उत्तरकाशी को दिया गया जिसमें जांचोपरांत समस्त अनियमितताओं का उल्लेख कर यह दर्शाया गया है की विभाग द्वारा बार-बार कुछ अभिलेखों को माँगा गया, लेकिन पेयजल निगम के काबिल अधिकारियों द्वारा उक्त के सम्बन्ध में कोई दस्तावेज जिलाधिकारी कार्यलय को नहीं दिये गये और ना कोई जबाब दिया गया।
जिसमेें विभाग द्वारा की गयी अनियमितताओं को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया और प्रतिउत्तर समय पर ना मिलने पर विभाग पर अग्रिम कार्यवाही अमल में लाने की बात दर्शायी गयी है।
जिसमें 15 दिनों से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन पेयजल निगम उत्तरकाशी द्वारा कोई पुष्ट अभिलेख जिलाधिकारी कार्यालय में नहीं दिये गये।
जिसे लेकर पहाड़ सन्देश न्यूज नेटवर्क द्वारा “अपर जिलाधिकारी” उत्तरकाशी से जानने का प्रयास किया गया। उनके द्वारा बताया गया की पेयजल निगम उत्तरकाशी द्वारा समय पर अभिलेख उपलब्ध नहीं करवाये गये, जिसके बाद पेयजल निगम को पुनः नोटिस जारी कर दिया गया है।
जिसके बाद “पहाड़ सन्देश न्यूज नेटवर्क” द्वारा अधिशासी अभियन्ता पेयजल निगम उत्तरकाशी द्वारा पूरे प्रकरण के जबाब ना देने के सम्बन्ध में जानकारी ली गयी।
जिसमें अधिशासी अभियन्ता मधुकांत कोटियाल द्वारा बताया जाता है कि उक्त कार्य से संबंधित सहायक अभियंता प्रवीन राज का ट्रांसफर हो गया है और उक्त कार्य के दस्तावेज उनके पास हैं। जिस वजह से हमारे द्वारा समय पर दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो पाए थे। उनके पास जो दस्तावेज थे वह मंगवा लिये गये हैं एक सप्ताह के भीतर हमारे द्वारा समस्त दस्तावेज जिलाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध करवा दिये जाएंगे।
अब देखना यह है की उक्त प्रकरण में आगे क्या कार्यवाही होती है।