पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल अपने बयानों व अपनी अपरिपक्व राजनीति को लेकर सुर्खियों में रहते हैं या विधायक जी अपनी इन्ही हरकतों कि वजह से खुद ही किसी असमंजस में उलझना चाहते हैं।
दरअसल एक वाक्या वर्ष 2023 का उत्तरकाशी जनपद के ग्रामसभा पाणीगांव में “लोक निर्माण विभाग” द्वारा “जिला योजना” के तहत “सड़क के अवशेष भाग के विस्तार” नामक योजना से जुड़ा हुआ है।
जिसमें ग्रामसभा पाणीगांव के आमजन मानस के द्वारा लोक निर्माण विभाग से 100 मीटर कटिंग का अनुरोध किया गया।
जिस पर सम्बन्धित विभाग द्वारा ग्रामसभा का प्रस्ताव लिया गया, जो की गांव के ग्रामीण द्वारा विभाग को दिया गया। जिसकी निविदा विभाग द्वारा दिसंबर-जनवरी में वर्ष 2022-2023 में आमंत्रित की गयी। जिसका निविदा खुलने के बाद ठेकेदार द्वारा कार्य भी प्रारम्भ हो गया था।
लेकिन कार्य के दौरान विभागीय समरेखण पर गांव के एक गरीब विकलांग कास्तकार किशन सिंह रावत का आवासीय पक्का भवन होने की वजह से विभाग के समक्ष गांव के ग्रामीणों द्वारा दिनांक 17 मार्च 2023 को कार्य रोकने का निवेदन कर मौखिक तौर पर एक दिन का समय मांगा गया।
जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा एक आम बैठक के माध्यम से सर्व सहमति से एक प्रस्ताव “लोक निर्माण विभाग” को दिया गया। जिसमें ग्रामीणों द्वारा आवासीय भवन को खतरा होना बताया गया और 100 मीटर कटिंग पर कार्य को समाप्त कर अतिरिक्त धन सुरक्षात्मक कार्यों पर जनहित में खर्च करने का अनुरोध किया गया। जिसकी प्रतिलिपि ग्रामीणों द्वारा उपजिलाधिकारी पुरोला व तात्कालिक जिलाधिकारी को प्रेषित की गयी।
जिस पर पीड़ित विकलांग ग्रामीण द्वारा 29 मार्च 2023 को तहसील दिवस के अवसर पर स्थानीय विधायक को पत्र लिखकर अपनी आप-बीती सुनाई।
जिसका संज्ञान लेते हुए पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल द्वारा सम्बन्धित विभाग को पीड़ित विकलांग व्यक्ति के पत्र पर विभागीय सहायक अभियंता के समक्ष लिखित आदेशित कर विभाग को हिदायत देते हुए त्वरित आदेशों का पालन करने की हिदायत भी दी।
तहसील दिवस पर 29 मार्च 2023 को विधायक जी का अंदाज
जिसके बाद विभाग द्वारा उक्त कार्य पर रोक लगाते हुए, कार्य के सम्बन्ध में 24 मार्च 2023 को जिलाधिकारी को पत्र के माध्यम से पुरे घटनाक्रम को उल्लेखित कर आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कार्य को समय पर पूर्ण करने का अनुरोध किया गया। जिसके सम्बन्ध में जिलाधिकारी द्वारा 13 अप्रेल 2023 को लोक निर्माण विभाग को जनहित में उचित समाधान करने हेतु आदेशित किया गया था।
जिसके बाद विभाग के आदेशानुसार कार्य को अग्रिम गति देते हुए कार्य को समाप्त हुए महीनों बीत चुके हैं।
जिसमें ग्रामीणों द्वारा प्रश्न उठाया गया कि उक्त सड़क के विस्तार हेतु जब मात्र 100 मीटर की मांग की गयी थी तो यह सड़क 150 मीटर कैसे हो गयी। जिसका खुलासा निर्माण कार्य खत्म होने के बाद ग्रामीणों कि मदद से किया गया। जिसके पुख्ता साक्ष्य खबर में ग्राम विकास अधिकारी पुरोला के पत्र पर में दर्शाया गया हैं।
दरअसल उक्त सड़क के लिए ग्रामीणों द्वारा 100 मीटर कि ही मांग कि गयी थी जिससे पुरी ग्रामसभा को लाभ मिलना था लेकिन गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा अपने व्यक्तिगत स्वार्थ व पुरानी घरेलु दुश्मनी के चलते गांव के भोले-भाले ग्रामीणों को गुमराह कर पंचायतीराज विभाग के अभिलेखों पर फर्जी तरिके से छेड़छाड़ कर ग्रामसभा का फर्जी प्रस्ताव तैयार कर लोक निर्माण विभाग को थमा दिया, और ग्रामीणों कि 100 मीटर सड़क विस्तार कि मांग 150 मीटर स्वीकृत हो गयी।
जिस वजह से गांव के विकलांग ग्रामीण किशन सिंह रावत के बने हुए आवासीय भवन को निशाना बनाया गया और अपने घर तक सड़क पहुँचाने का सातिर षड्यंत्र रच दिया।
मजे कि बात तो यह है की पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल द्वारा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के समक्ष किये गये आदेशों कि भी याद नहीं और अब एक वर्ष के अधिक समय के बाद अपने ही आदेशों को गलत बता कर, विभाग को उसी पत्र पर यह आदेश कर रहे हैं कि कृपया अंश क पर टिप्पणी है वह ओवर राईटिंग है। उचित कार्यवाही करें। ओवर टिप्पणी के आधार पर कोई कार्यवाही ना करें।
क्या पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल द्वारा यह ओछी राजनीति कर अपना मजाक तो नहींं बनवा रहे।
जब उक्त प्रकरण को लेकर पुरोला विधायक से फोन कॉल के माध्यम से उनके पक्ष को जानने का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा फोन कॉल नहीं उठाया गया।