पौराणिक
-
आधुनिकता की चकाचौंध को दरकिनार कर पौराणिक मान्यताओं के साथ आयोजित होता है नाग देवताओं का मेला।
“आधुनिकता की चकाचौंध” में मादक पदार्थों का प्रचलन दिनों-दिन बढ़ते जा रहा है। जिस वजह से आज के दौर में…
Read More » -
आधुनिकता की चकाचौंध को दरकिनार कर पौराणिक मान्यताओं के साथ आयोजित होता है नाग देवताओं का मेला।
“आधुनिकता की चकाचौंध” में मादक पदार्थों का प्रचलन दिनों-दिन बढ़ते जा रहा है। जिस वजह से आज के दौर में…
Read More » -
संस्कृति/आस्था: “गीठ पट्टी” के आराध्य देव “सोमेश्वर महाराज” दूरबील गांव से करते हैं, क्षेत्रीय मेले-थौलों की शुरुआत।
Uttarkashi: नौगांव विकासखंड के गीठ पट्टी के अधिपति सोमेश्वर महाराज 20 गते आषाढ से क्षेत्रीय पौराणिक मेले-थौलों के आयोजन के…
Read More » -
“मुलूकपति राजा रघुनाथ” के प्रति बढ़ी अनुयायियों की आस्था: सूखे/गर्मी की मार से कास्तकरों को मिली राहत।
मुलूकपति राजा रघुनाथ के मलाडी देवबन पहुंचने पर श्रद्धालुओं द्वारा रघुनाथ जी से आशीर्वाद वचन किया गया कि अभी जनता…
Read More » -
आस्था: मुलूकपति राजा रघुनाथ” अपने देवदार के सघन वनों के बीच “मलाड़ी, देवबन” के लिए करेंगे प्रस्थान।
आज बनाल क्षेत्र के अधिपति, ईष्ट “मुलूकपति राजा रघुनाथ” अपने देवदार के सघन वनों के बीच पावन स्थान “मलाड़ी, देवबन”…
Read More » -
विलुप्त होते “रामलीला मंचन” को आज भी, प्रतिवर्ष बड़े धूमधाम से मनाते हैं: ग्रामीण।
वर्षों पूर्व प्रत्येक गांव में राम लीला, कृष्ण लीला एव अभिमन्यु चक्रव्यूह आदि अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन समस्त गांव के…
Read More » -
“बसंत मेला गंगनांणी” का शुभारंभ “फाल्गुन संक्रांति” के शुभ अवसर पर “बाबा बौखनाग” के सानिध्य में हुआ।
उत्तरकाशी जनपद के यमुना घाटी के सुप्रसिद्ध “बसंत मेला गंगनांणी” (कुंड की जातर) का 13 फरवरी को क्षेत्रीय ईष्ट बौखनाग…
Read More »