भ्रष्टाचार: पुरोला नगर में विकास के नाम पर लाखों के वारे-न्यारे, भाजपा सरकार के जीरो टॉरलेंस को प्रशासक का आईना।
उत्तरकाशी: एक ओर भाजपा सरकार जीरो टॉरलेंस की बात करती है। तो दुसरी ओर पुरोला के चंद लोगों को पुरोला नगर के विकास कार्यों के नाम पर आये करोड़ों रुपये के बजट को बिलोपित करवाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाती हैं।
जिस क्रम में पुरोला नगर का विकास थम जाता है और पुरोला नगर के निवर्तमान अध्यक्ष हरिमोहन नेगी को कुछ अनियमितताओं के आरोप में पद से निष्कासित कर दिया जाता है।
जिसके बाद पुरोला नगर के अध्यक्ष पद का कार्यभार उपजिलाधिकारी पुरोला को दे दिया जाता है, जिसके कुछ माह बाद कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद सभी निकायों में प्रशासक की नियुक्ति विधिवत की गयी।
प्रशासक की नियुक्ति के बाद पुरोला नगर पंचायत/पालिका में प्रशासक कार्यकाल में विकास कार्यों के नाम पर लाखों का गबन की बात सामने आने लगी।
जिसकी वास्तविकता जानने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का सहारा लिया गया।
जी हां आप सभी “पहाड़ सन्देश” न्यूज़ नेटवर्क के पाठकों को बता दें की “सूचना के अधिकार” के माध्यम से मिली जानकारी से सामने आया की पुरोला नगर के वार्ड नंबर 01 से 07 तक 02 दिसम्बर 2023 से वर्तमान तक “मुख्यमंत्री अवस्थापना विकास निधि” व “05 वां राज्य वित्त आयोग” के मात्र दो मदों से 03 करोड़ 19 लाख 84 हजार रुपए पुरोला नगर के विकास के लिए खर्च किये गये हैं।
साथ ही उक्त धनराशि जिन योजनाओं/कार्यों में खर्च की गयी, उन योजनाओं की सूची भी मांगी गई और “पहाड़ सन्देश” न्यूज़ नेटवर्क की टीम द्वारा उन जगहों का भौतिक निरीक्षण कर लोगों से उन कार्यों में से कुछ कार्यों की जानकारी लेने का प्रयास किया गया। जिसमें नगरवासियों ने प्रशासक कार्यकाल के विकास कार्यों की पोल खोल के रख दी।
सिर्फ इतना ही नहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर पंचायत/पालिका पुरोला के कर्मठ कर्मचारी और अधिकारियों ने जिन ठेकेदारों के नाम ये फर्जी विकास कार्यों के बॉन्ड करवाए, उन्ही से नगर पंचायत/पालिका के कर्मचारीयों के नाम से कमीशन के पैसों को ठिकाने लगाने के लिए विभागीय अनुसेवक के नाम चेक के माध्यम से बैंक से पैसा भी निकलवा लिया। खैर यह तो जांच टीम की जांच में ही स्पष्ट हो पाएगा की आखिर वास्तविकता क्या है।
फिलहाल पुरोला नगर में विकास के नाम पर कितना गबन हुआ है यह तो उन संलिप्त अधिकारी व कर्मचारीयों को ही पता होगा या इन विकास कार्यों पर उच्च-स्तरीय जांच टीम गठित होने के बाद जांच में ही सामने आएगा।
अभी सिर्फ वार्ड नम्बर 06 व 07 के निवासियों से विकास कार्यों की वास्तविकता जानी गयी है पांच वार्ड अभी शेष हैं। जिनका भौतिक निरीक्षण कर पहाड़ सन्देश न्यूज़ नेटवर्क की टीम जल्द अपने पाठकों और जिलाधिकारी उत्तरकाशी सहित उत्तराखंड की जीरो टॉरलेंस सरकार के समक्ष उजागर करेगी।
साथ ही देखना यह होगा की शासन-प्रशासन उक्त विकास कार्यों की जांच के लिए कब तक जांच टीम गठित कर, पूरे घोटाले का पर्दाफाश कब तक होता है।